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गपबाजी के Side effects

safalta ke mayne
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मित्रों, बात पिछले शनिवार की है शाम कोई छ: बजे का समय रहा होगा छुट्टी होने के कारण मैं अपार्टमेंट के पार्क में जाकर बैठ गयी. पार्क में कोई पांच-छ: महिलाओं का समूह बैठ कर बातें कर रहा था. जॉब करने की वजह से मेरे पास पार्क में बैठने का या लोगों से जान पहचान बढ़ने के लिए ज्यादा समय नहीं होता. इसलिए उनमें से किसी भी महिला से मेरा परिचय नहीं था. उनमें से भी किसी ने मेरी तरफ ध्यान नहीं दिया. सभी लोग गपबाजी में मग्न थे.

उनमें से एक महिला कह रही थी –सुना है फोर्थ फ्लोर वाली शर्मा जी और उनके हसबेंड के बीच कल रात बहुत झगडा हुआ. दूसरी महिला ने कहा –हाँ, सुना है बात डाइवोर्स तक पहुँच चुकी है..तीसरी ने कहाँ ..मुझे तो वो महिला पहले से ही ठीक नहीं लगती थी. चौथी बोल पड़ी अरे नहीं सुना है उनके पति का किसी दूसरी महिला से चक्कर है. इसी तरह गप्पों का सिलसिला चल रहा था.या यूं भी कह सकते हैं कि सब गपबाजी  का आनंद ले रहे थे. थोड़ी देर पहले तक मैं श्रीमती शर्मा और उनके परिवार को जानती भी नहीं थी और अब मेरे दिमाग में उनकी एक इमेज बन गयी कि फोर्थ फ्लोर में एक श्रीमती शर्मा रहती हैं जो कि या तो खुद ठीक नहीं है या उनके पति कुछ गड़बड़ हैं और दोनों का शायद डिवोर्स हो जाए.

मेरा ध्यान उनकी बातों से हट गया और मुझे बचपन में खेला जाने वाला चाईनीज विसपर्स  का गेम याद आ गया. जिसमें  कि सब लोग एक घेरे में बैठे रहते है. एक व्यक्ति दुसरे के कान में धीरे से  कुछ बोलता है , दूसरा तीसरे के कान में तीसरा चौथे के और अंतिम व्यक्ति जोर से उस बात को बोलता है . या यूं कह लीजिये अर्थ का अनर्थ बाहर निकलता है.

जैसे कि अगर पहले व्यक्ति ने बोला है कि श्रीमती शर्मा बाल डाई बहुत करती हैं तो अंत तक बात बन गयी श्रीमती शर्मा का डाइवोर्स होने वाला है.

ये बात एक गेम की है लेकिन ये ही बातें वास्तविक जीवन में किसी को बहुत आघात पहुंचा सकती हैं. और साथ ही गपबाजी अपनी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी घातक हो सकती है.

साथ ही मैं एक बात साफ़ कर दूं, यहाँ सिर्फ बात महिलाओं की नहीं है ये तो व्यक्ति विशेष का गुण है या आदत समझ लीजिये .और महिला हो या पुरुष सभी इससे समान रूप से प्रभावित होते हैं.

चलिए अब मुद्दे पर आते हैं और एक नजर डालते हैं चुगली या गपबाजी से होने वाले नुकसानों पर……

गपबाजी वास्तव में आपका लोगों को देखने का नजरिया बदल देती है.

गपबाजी हमारा ध्यान जीवन की सकारात्मकता से हटाकर नकारात्मकता पर केन्द्रित करती है. यह हमें लोगों में सबसे बुरे की कल्पना को बढ़ावा देती है और साथ ही हमें लोगों की नीयत ,उद्देश्य और प्रयत्न पर शक करने को भी बढ़ावा देती है.

गपबाजी , हमारे अन्दर एक लम्बे समय के लिए दुःख पैदा करती है.

हो सकता है एक अच्छी गपबाजी की बैठक कुछ समय के लिए आनंददायक हो. लेकिन जो बातें आपने की वो सच हैं या नहीं वो आप भी नहीं जानते और ये बात  आपके अन्दर अपराध बोध पैदा करती है. और इस तरह गपबाजी एक लम्बे समय के लिए सभी को अंदर ही अंदर दुखी करती है.

जब आप दूसरों की चुगली करते हैं तब सुनाने वाले ऐसा महसूस करते हैं जो भी गुण या अवगुण  आप दूसरों के बात रहे हैं , वास्तव में वे आपके ही हैं.

मसलन , जब आप दूसरों पर गैर ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाते हैं तब सुनने वाले आपको भी गैर जिम्मेदार समझते हैं. ये ही तथ्य सकारात्मक बातों के लिए भी समान रूप से लागू है. ये सिर्फ कहने सुनने की बात नहीं है बल्कि वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित तथ्य है और  इसे वैज्ञानिकों की भाषा में spontaneous trait transference कहते हैं.

अगर आप गपबाजी करते हैं तो लोग आप पर विश्वास नहीं करेंगे.

अगर आप किसी से किसी के बारे में गपबाजी करते हैं तब लोग सोचते हैं कि दूसरों से उनके बारे में भी ऐसा ही करते होंगे.

अब ये तो थे गपबाजी के साइड इफेक्ट्स . इन सभी तथ्यों से एक बात तो साफ़ है कि गपबाजी करने से नुकसान ज्यादा आपका ही है. लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे बचा नहीं जा सकता. जब बात मर्ज की हुई है तो दवा की भी करनी ही पड़ेगी. गपबाजी से बचने के कुछ आसान से उपाय हैं—

side effects of gossip

गपबाजी  करने वाले से दूर रहिये.

अगर आप ऐसी स्थिति में फंस जाते हैं तो विषय बदलने की कोशिश कीजिये.

अपने आप को व्यस्त रखिये.

जिस व्यक्ति के बारे में नकारात्मक बातें हो रही है उसके बारे में बोलने के लिए कुछ सकारात्मक ढूँढिये.

तुरंत गपबाजी को नमस्कार कीजिये. सुखी, मानसिक रूप से स्वस्थ, ग्लानिराहित और विश्वसनीय जीवन जीईए.

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